चीन पूरे दक्षिणी चीन सागर पर और उस सागर में मौजूद हर आइलैंड पर अपना दावा करता है. चीन को काबू करने के लिए अमेरिका ने अपने दो जं’गी जहाजों को दक्षिणी चीन सागर में तैनात कर दिया है. अमेरिका ने अपने दो सबसे ताकतवर USS निमित्ज और USS रोनाल्ड रीगन को इन दिनों दक्षिणी चीन सागर में तैनात कर रखा है. अमेरिका के ये जं’गी जहाज न सिर्फ ताइवान की हिफाजत करते हैं बल्कि दक्षिणी चीन सागर में यु’द्धा’भ्यास भी कर रहे हैं. चीन अमेरिका को लगातार दक्षिणी चीन सागर से दूर रहने की ध’मकी दे रहा है लेकिन अमेरिका भी चीन को चिढाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा.

चीन की ध’मकि’यों से बेपरवाह 11 अमेरिकी ल’ड़ाकू विमानों ने दक्षिणी चीन सागर के ऊपर से उड़ान भरा ये सभी लड़ाकू विमान पर’माणु ह’थिया’रों से लैस थे. अमेरिका के B-52H ब’मव’र्षक विमान के साथ अमेरिका के 10 अन्य फा’इटर जेट और निगरानी विमानों ने रविवार को एक साथ दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरी. ये सभी विमान अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर USS निमित्ज से उड़ान भरे थे. इस दौरान दक्षिणी चीन सागर में मौजूद चीन के यु’द्धपो’त चुपचाप अमेरिकी विमानों को देखते रहे. अमेरिकी विमानों को देख चीन की सारी हेकड़ी निकल गई. उसकी हिम्मत नहीं हुई वो उन्हें दक्षिणी चीन सागर में उड़ान भरने से रोक सके.

अमेरिकी लड़ाकू विमानों की इस हरकत से चीन भड़क गया. लेकिन सिवाए ट्विटर पर अपना गुस्सा दिखाने के और कुछ नहीं कर सका. चीन ने भड़कते हुए इसे अमेरिका का शक्तिप्रदर्शन बताया और कहा कि अमेरिका दक्षिणी चीन सागर के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहता है. जबकि अमेरिका का कहना है कि उसके इस यु’द्धाभ्या’स का मकसद इस इलाके के हर देश को उड़ान भरने, समुद्री इलाके से गुजरने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक संचालन करने में सहायता देना है.