चीन की दादागिरी और विस्तारवादी नीति से दुनिया का हर देश त्रस्त है. दक्षिणी चीन सागर को लेकर दुनिया के कई देशों के साथ उसका विवाद तो चल ही रहा है. हिन्द महासागर में भी चीन अपने पाँव पसारने की कोशिश में जुटा है. हिन्द महासागर में इस वक़्त अगर चीन को कोई रोक सकता है तो वो है भारत. लेकिन उसके लिए भारत को अपनी ताकत और बढ़ानी होगी. इसी वजह से भारत ने अमेरिका के साथ एंटी सबमरीन हेलिकॉप्टर की डील की थी. डील के मुताबिक़ भारत को ये हेलिकॉप्टर 2023 -2024 तक मिलनी थी. लेकिन बदले हालात में अमेरिका चाहता है कि ये हेलिकॉप्टर भारत तक जल्द से जल्द पहुंचे ताकि चीन की नकेल कसी जा सके. इसलिए अमेरिका ने अमेरिकी सेना द्वारा प्रयोग की जाने वाले अपने 3 हेलिकॉप्टर को जल्द से जल्द भारत को देने का निर्णय लिया है.
breakingdefence.com की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका अपनी सेना द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले MH-60R Sea Hawks हेलिकॉप्टरों को कुछ बदलाव के साथ भारत को दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और ये हेलिकॉप्टर जल्द से जल्द भारतीय नौसेना को सुपुर्द कर दिया जाएगा. शेष 21 हेलिकॉप्टर अपने पूर्व निर्धारित समय के अनुसार 2023 और 2024 तक भारत को सौंप दिए जायेंगे. भारत सरकार ने अपनी नौसेना की ताकत को बढाने के लिए 24 MH-60R Sea Hawks हेलिकॉप्टर को खरीदने की मंजूरी दी थी.

breakingdefence.com के साथ बातचीत में Sikorsky के नेवल हेलीकॉप्टर प्रोग्राम के निदेशक टॉम केन ने कहा, इन हेलिकॉप्टरों ई डिलीवरी उच्च प्राथमिकताओं में से एक थी. इसलिए हमने अनुरोध किया कि इन हेलिकॉप्टरों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए. क्योंकि इसकी आवश्यता तत्काल है.’

इस हेलिकॉप्टर के भारतीय नौसेना में शामिल हो जाने के बाद हिन्द महासागर में चीनी पनडुब्बियों को पता लगाने और उन्हें खदेड़ने में भारत को बहुत बड़ी सफलता मिलने वाली है. इस हेलिकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत है कि ये छुपी हुई पनडुब्बियों का पता लगा कर उन पर ह’मला करने और हवा से जमीन पर ह’मला करने में माहिर हैं. इसमें एंटी-सबमरीन मार्क 54 टारपीडो दिया गया है जो पानी में छिपी पनडुब्बियों का शिकार कर उन्हें ध्व’स्त कर देता है.