कोरोना फैलाने की वजह से दुनिया भर में अलग थलग पड़ा चीन इस वक़्त अपने घरेलू मोर्चे पर भी जूझ रहा है. हांगकांग चीन से छुटकारा पाने की लड़ाई लड़ रहा है. ताइवान भी अपनी खुद की स्वतंत्र पहचान पाने के लिए बेताब है. दुनिया भर की कई नामी कंपनियां चीन से अपना व्यापार समेत रही हैं और बाहर निकल रही है. ऐसे में बौखलाया चीन अपनी कमजोरियों और अंदरूनी हालातों पर से दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश में युद्ध का राग अलाप रहा है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के आदेश दिए हैं.
मंगलवार को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की बैठक में चिनफिंग ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी आर्मी) के सैनिकों के प्रशिक्षण को व्यापक रूप से बढ़ाया जाए और सेना को युद्ध के लिए तैयार किया जाए. उन्होने कहा कि सबसे खराब स्थिति की कल्पना करें और उसी हिसाब से युद्ध की तैयारी करें और राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे.
इस वक़्त चीन का भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान के साथ तनाव चरम पर है. हांगकांग में भी चीन विरोधी आंदोलन हो रहे हैं. वहां लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर कर लोकतंत्र बहाली की मांग कर रहे हैं. दुनिया की नज़र चीन के घरेलू हालातों पर है. यूँ कहें कि चीन घरेलू मोर्चों पर भी पूरी तरह से घिरा हुआ है इसलिए वो अपनी जनता और दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए युद्ध का राग अलाप रहा है.
जिनपिंग ने अपने भाषण में अमेरिका और ताइवान के साथ तनावों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग किया जा सकता है. हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक समर्थक प्रदर्शनकारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नए क़ानून की मदद से प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसी जायेगी.