अगर आपको लगता है कि जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद मोदी सरकार खामोश बैठी है तो आप गलत सोच रहे हैं. राज्य का बंटवारा करने और आर्टिकल 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर में एक और ऐसा कदम उठाया है जिससे पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है और वो बुरी तरह से भड़क गया है.
भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में डोमिसाइल एक्ट लागू कर दिया है. इस एक्ट के लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति जो कम से कम 15 साल तक जम्मू और कश्मीर में रहा है और 10वीं या 12वीं की परीक्षा यहां के किसी संस्थान से पास कर चुका है, वो जम्मू और कश्मीर का निवासी कहलाने का हकदार होगा. नए डोमिसाइल एक्ट को लागू करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 में सेक्शन 3ए जोड़ा गया है.
अभी तक जम्मू और कश्मीर में स्थानीय नागरिक प्रमाण पत्र (पीआरसी) जारी होता था. लेकिन अब से डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है. इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद अब सफाई कर्मचारी, दूसरे राज्यों में शादी करने वाली महिओं के बच्चे और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी भी अब जमू कश्मीर के निवासी कहलाने के हकदार हो जायेंगे. शर्त ये है कि वो डोमिसाइल एक्ट के तहत आने वाले नियमों को पूरा करते हों.
आर्टिकल 370 की तरह इस एक्ट का भी राज्य की दोनों मुख्य पार्टियों पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विरोध किया है. इस एक्ट से पाकिस्तान को भी मिर्ची लगी है और वो बुरी तरह से भड़क गया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘भारत का यह नया डोमिसाइल ऐक्ट जम्मू-कश्मीर की आबादी को बदलने के लिए है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा, ‘भारत ने कश्मीर में जो नया डोमिसाइल ऐक्ट लागू किया है वह पूरी तरह गैरकानूनी है और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के दोनों देशों के बीच हुए ऐग्रीमेंट का खुला उल्लंघन है.’