भारत और नेपाल के संबंधों में आई खटास के बीच आखिरकार नेपाल ने अपना नया नक्शा जारी कर ही दिया. इस नक़्शे में नेपाल ने भारत के हिस्से वाला लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा बताया है. इस नए नक़्शे में नेपाल ने भारत के 395 वर्ग किलोमीटर के इलाके को अपना बताया है. नेपाल के भू प्रबंधन और सुधार मंत्रालय की ओर से मंत्री पद्मा अरयाल ने नेपाल का यह नया नक्शा जारी किया.
नेपाल का नया नक्शा जारी करने के बाद पद्मा अरयाल ने कहा की इसे मंजूरी दिलाने के लिए संसद के समक्ष रखा जाएगा. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब से सभी सरकारी कार्यालयों में और स्कूलों में इसी नक्शे का इस्तेमाल किया जाएगा. इस नक़्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के अलावा गुंजी, नाभी और कुटी गांवों को भी शामिल किया गया है. जिस 395 वर्ग किलोमीटर भारत के इलाके पर नेपाल ने अपना दावा जताया है, उसमे कालापानी का 60 वर्ग किलोमीटर इलाका और लिंपियाधुरा का 335 किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है.

नेपाल के इस हरकत के बाद भारत और नेपाल के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. ये साला मामला तब शुरू हुआ जब बीते 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख में एक सड़क का उद्घाटन किया. इस सड़क के बन जाने से न सिर्फ कैलाश मानसरोवर की यात्रा सुगम हो गई बल्कि चीन सीमा तक भारतीय सेना की पहुँच भी आसान हो गई. नेपाल ने इस पर आपत्ति जताया जबकि भारत ने साफ़ शब्दों में बता दिया था कि ये सड़क निर्माण उसके क्षेत्र में हुआ है.