देशभर में कोरोना का कहर थम नहीं रहा है. हर दिन जिस स्पीड से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उसने सरकार को भी चिंता बढ़ा दी है. भारत में अब कोरोना के मरीजों की संख्या 1 लाख 18 हजार के भी पार हो गयी है. अब हर दिन 5 हजार से भी ज्यादा मरीज बढ़ रहे हैं. इसी बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ी रिपोर्ट पेश की है.

जानकारी के लिए बता दें भारत में जब कोरोना के मरीज कम ही थे तब ही मोदी सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन करने का फैसला लिया था. पिछले कई महीनों से अब भी लॉकडाउन 31 मई तक के लिए लागू है. अगर सरकार ने समय के चलते लॉकडाउन लागू नहीं किया होता तो आज क्या परिणाम होते आप सोच भी नहीं सकते हो. इसी बात की रिपोर्ट केंद्र सरकार ने पेश की है.

शुक्रवार को केंद्र सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन से 20 लाख कोरोना संक्रमण और 54 हजारें मौतें रोकी हैं. सरकार ने बताया है कि इस समय 80 प्रतिशत केस 5 राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में हैं. ऐसे में भारत में कोरोना का प्रकोप सीमित क्षेत्र तक ही है. अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार किये गये मॉडल से लॉकडाउन का फायदा बताया गया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बताया है कि पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के अनुसार लॉकडाउन से करीब 78००० लोगों की जान बचाई गयी है. केंद्र सरकार ने आगे बताया कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो देश में कोविड-19 की डबलिंग रेट 3.4 दिन थी इस समय ये 13.3 दिन है. इस हिसाब से अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर देश में लॉकडाउन नहीं होता तो आज क्या ही परिणाम होते.