अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह और इंतज़ार था जो बीते शानिवार यानी 9 नवंबर 2019 के दिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गगोई ने अयोध्या विवदित ज़मीन राम मंदिर बनाने के लिए दी जायेगी और 5 एकड़ ज़मीन मुस्लिम पक्ष को बाबरी मस्जिद बनाने के लिए कही और दी जाएगी । आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे जिन्होंने राम मन्दिर निर्माण के लिए पिछले 27 सालों से उपवास पर थी । जबलपुर की रहने वाली 87 वर्ष महिला उर्मिला चतुर्वेदी ने राम मंदिर बनने के लिए 27 साल से उपवास किया हुआ था और आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वह बहुत ज्यादा खुश हैं । आयिए जानते हैं कि आखिर इतने सालों से उनके उपवास करने का क्या मकसद था ।

1992 के खून-खराबे को देख लिया था संकल्प
87 साल की उर्मिला चतुर्वेदी ने वर्ष 1992 के बाद से अन्न ग्रहण नहीं किया है। जबलपुर के विजय नगर इलाके की रहने वाली उर्मिला चतुर्वेदी ने बताया कि विवादित ढांचा टूटने के दौरान देश में दंगे और खून-खराबा हुआ था जिसमें उन्होंने हिंदू -मुस्लिम भाइयों ने एक-दूसरे का खून बहाते हुए देखा था जिससे उनके दिल को दुःख उर ठेस पंहुचा था । इसीलिए उसी वक़्त से उर्मिला जी ने फैसला किया की वह अब आनाज तभी ग्रहण करेंगी जब देश में भाईचारे के साथ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा।

केला और चाय के सहारे किया उपवास
उर्मिला ने बताया कि 27 साल के उपवास के बाद उन्हें सफलता मिली है और इन वर्षों के दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था । उपवास का संकल्प लेने की वजह से वह अपने रिश्तेदारों और समाज से दूर हो गईं। लोगों ने कई बार उन पर उपवास खत्म करने का भी दबाव बनाया, तो कई ने मजाक भी उड़ाया. लेकिन ऐसे लोग भी थे जिन्होंने उनके आत्मविश्वास और साधना की तारीफ की और उन्हें कई बार सार्वजनिक मंच से सम्मानित भी किया था । वह महज केले और चाय के सहारे 27 साल का लंबा सफर पूरा किया हैं , और अब उर्मिला जी नए उत्साह के साथ अयोध्या में मंदिर निर्माण पूरा होने की प्रतीक्षा कर रही हैं।

अयोध्या में ही खोलेंगी उपवास
उर्मिला जी का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के पांचों न्यायाधीश का दिल से धन्यवाद करती हैं और अब उनकी इच्छा है कि वह अयोध्या में जाकर रामलला के दर्शन के बाद ही अपना उपवास खत्म करेंगी । बीते शनिवार को जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो उर्मिला के परिजनों ने उन्हें खाना खिलाने की कोशिश की, लेकिन उर्मिला ने साफ कह दिया कि वह उपवास अयोध्या में ही खोलेंगी।