मानसून की पहली बारिश में ही दिल्ली को लन्दन बनाने के दावों की पोल खुल गई. एक तरफ जहाँ मिंटो रोड ब्रिज के नीचे एक टैम्पो ड्राइवर की डूबने से मौत हो गई. वहीँ ITO के पास अन्ना नगर में कई झुग्गियां नाले में बह गईं. य हाल तब है जब रविवार को मॉनसून की पहली बारिश हुई और वो भी सिर्फ कुछ कुछ घंटे. अगर इस तरह की बारिश लगातार दो दिन हो जाए तो दिल्ली का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता. दिल्ली के इस बदइंतज़ामी की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता. सब एक दुसरे पर ठीकरा फोड़ कर राजनीति करने लगे.
पहली बार्रिश में ही दिल्ली का ये हाल देख कर विपक्षी भाजपा ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार बस विज्ञापनबाजी में आगे हैं, काम में नहीं. पूर्वी दिल्ली ने सांसद गौतम गंभीर ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर हमले करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री जी, आज लोगों को बता ही दीजिये -दिल्ली सरकार के अंतर्गत क्या क्या आता है विज्ञापन विभाग के इलावा? 6 साल हो गए Centre और MCD का नाम जपते जपते!’

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली की बदइंतजामी का ठीकरा कोरोना के मत्थे फोड़ दिया. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘इस साल सभी एजेंसियां, चाहे वो दिल्ली सरकार की हो या MCD की, कोरोना नियंत्रण में लगी हुई थी. करोना की वजह से उन्हें कई कठिनाइयाँ आयीं. ये वक्त एक दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है. सबको मिल कर अपनी जिम्मेदारियां निभानी है. जहां जहां पानी भरेगा, हम उसे तुरंत निकालने का प्रयास करेंगे.’
