कोरो’ना वायरस के प्रको’प के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है, ऐसे में लोगों को घर से न निकलने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. हालांकि इसके बाद भी कई लोग किसी न किसी वजह से सड़क पर नजर आ रहे हैं. जो की इस वक़्त एक अपरा’ध है. कोरो’ना जैसी महामा’री से अपना देश जूझ रहा हैं और पीएम मोदी भी कई बार देशवासियों से ये अपील कर चुके हैं कि आप लोग अपने घर कि लक्ष्मण रिका को पार न करें. देश में कोरोना वायरस से आये दिन नए मरीजो की पुष्टी होती हैं.

कोरो’ना संक्रमण इस वक़्त से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर भी होता जा रहा हैं. इंदौर में भी कोरो’ना तेजी से फ़ैल रहा हैं. इंदौर में ही कुछ जाहिल लोगों ने डॉक्टर के ऊपर पथराव किया था जब डॉक्टर और नर्स वहां पर उनकी जाँच करने गई थी कि लोगों के अंदर कोरो’ना पॉजिटिव तो नहीं हैं तब ये मामला सामने आये था. जिसकी वजह से आज पूरा इंदौर शहर भुगत रहा है.

इंदौर में 42 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और इसके साथ ही शहर में इस संक्रमण से दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 33 पर पहुंच गई है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने संवाददाताओं को बताया कि शहर में कोरो’ना वायरस संक्रमण के 22 नए मरीज मिले हैं. इसके बाद शहर में कोरो’ना वायरस की संख्या 306 से बढ़कर 328 पर पहुंच गई है. ये आंकड़ा कहीं न कहीं इंदौर के लिए एक डर पैदा करने वाला दिख रहा हैं.

इंदौर शहर में कोविड-19 के मरीजों की मृ’त्यु दर लगभग 10 प्रतिशत है. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि शहर में कोविड-19 के मरीजों की मृ’त्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले कहीं ज्यादा बनी हुई है. शहर के अस्पतालों में इलाज के बाद संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों की तादाद 35 है.

जड़िया ने बताया कि शहर में कोविड-19 के मरीजों की तादाद बढ़ने के अनुमान के मद्देनजर दो और अस्पतालों को इस महामारी के मरीजों के इलाज के लिए चिह्नित किया गया है. उन्होंने बताया कि कोरो’ना वायरस के मरीज मिलने के बाद सील कर दिए गए हैं.वहीँ ये भी बताया गया है कि कोरो’ना वाय’रस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है. इन सबके बीच इंदौर शहर की स्तिथि को सुधारने के लिए सरकार तत्पर है और उसको जितनी जल्दी हो सके इस पर जितनी जल्दी हो सके कंट्रोल करना चाहिय.