लाउडस्पीकर और अजान के बीच का संबंध एक ऐसा विषय है जिसको लेकर अक्सर विवाद और बवाल होते रहते हैं. कभी सोनू निगम तो कभी जावेद अख्तर इस विषय पर अपनी राय रख कर कट्टरपन्थ्यों के निशाने पर आते रहे हैं. लेकिन अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर और अजान के विषय में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है.
गाजीपुर जिले के डीएम द्वारा लॉकडाउन के दौरान लाउडस्पीकर से अजान पर लगाई गई पाबंदी को लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने माना है कि लाउडस्पीकर द्वारा अजान को धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं माना जा सकता. न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने कहा ‘अजान इस्लाम का एक आवश्यक एवं अभिन्न हिस्सा हो सकता है, लेकिन लाउडस्पीकर या अन्य किसी ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए अजान देने को इस धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहा जा सकता है.’ साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि एक मुअज्जिन मस्जिद से अजान दे सकता है. ये धर्म का हिस्सा है. लेकिन लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं कर सकता.

कोर्ट ने ये फैसला पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद तथा गाजीपुर लोकसभा सीट के सांसद अफजल अंसारी सहित अन्य लोगों की अपीलों के एक समूह पर दी. कोर्ट ने ये भी कहा कि लाउडस्पीकर के प्रयोग की अनुमति सिर्फ उन्ही मस्जिदों को है जिन्होंने इसके लिए प्रशासन से लिखित आदेश ले रखे हैं.