कांग्रेस की आफतें कम होने का नाम नहीं ले रही. मध्य प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस की सत्ता पर राहू की महादशा चल रही है. जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को कभी न भूलने वाला झटका दिया, वैसे ही अब राजस्थान में सचिन पायलट कांग्रेस की नींदें उड़ा रहे हैं. राजस्थान में मध्य प्रदेश वाली ही कहानी दोहराई जा रही है. शनिवार देर रात राजस्थान कांग्रेस के 24 विधायक गुरुग्राम के मानेसर स्थित एक होटल में पहुँच गए. ये सभी विधायक सचिन पायलट खेमे के हैं. चार महीने पहले मध्यप्रदेश में यही स्थिति देखने को मिली थी, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तमाम विधायक पहले हरियाणा के गुड़गांव और फिर कर्नाटक में जाकर एक रिसोर्ट में ठहरे थे.

शनिवार को देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने सभी विधायाकोंकी एक मीटिंग बुलाई लेकिन इस बैठक से सचिन पायलट और और उनके गुट के 24 विधायक इस मीटिंग में नहीं पहुंचे. उसके बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से गायब विधायकों को फोन लगाया गया तब सबके फोन स्विच ऑफ़ निकले. उसके बाद पता चला कि ये सभी विधायक गुरुग्राम के एक होटल में हैं. देर रात सचिन पायलट भी दिल्ली पहुँच गए. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट भाजपा के संपर्क में हैं.

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने पार्टी को जीत दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. लेकिन जब पार्टी को जीत मिली तो अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया गया. इससे सचिन पायलट खुश तो नहीं थे लेकिन उन्होंने उस वक़्त चुप्पी साध ली. सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया में काफी गहरी दोस्ती है. इसलिए जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश मे बगावत करके कांग्रेस की नैया डूबो दी तभी से ये अटकलें लग रही थी कि देर सवेर सचिन पायलट भी कांग्रेस के लिए मुसीबत साबित होंगे और अब यही हो रहा है.