देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कोरोना का कहर थम नहीं रहा है. चीन के वुहान शहर से फैला ये वायरस अब पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले चुका है. इतना है नहीं सभी शक्तिशाली देश भी इस वायरस के आगे नतमस्तक हो गये हैं. कोई भी देश अभी तक इस वायरस की दवा और वैक्सीन नही बना पाया है. हर दिन न जानें कितने लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान दे रहे हैं.

जानकारी के लिए बता दें अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना के मरीज काफी हद तक ठीक हो रहे हैं. भारत में अब तक हजारों मरीज ठीक हुए थे. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा ने इस वायरस के मरीजों को बड़े स्तर पर लाभ पहुंचाया, जिसके बाद विश्वभर में इस दवा की मांग बढ़ गयी.

भारत इस दवा का सबसे बड़ा निर्यातक देश है. जिसके चलते भारत ने अमेरिका सहित कई बड़े देशों को बड़ी मात्रा में इस दवा को वहां पहुंचाया और इस मुश्किल घड़ी में साथ दिया. भारत के इस कदम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया था. अब अमेरिका ने भारत को लेकर बड़ा कदम उठाया है.

गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत को 200 वेंटिलेटर्स दान में दिए हैं. USAID की एक्टिंग डायरेक्टर रमोना एल ह्मजाई ने कहा है कि अमेरिका की ओर से ये भेंट दोनों देशों की दोस्ती का प्रतीक है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि इसे भारत की ओर से दिए गये हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का बदला नहीं समझा जाना चाहिए. एल हमजाई ने कहा है कि 200 वेंटिलेटर्स में से 50 वेंटिलेटर की पहली खेप भारत पहुंचने वाली भी है. वहीँ USAID की टीम ने 11 लाख डॉलर की रकम को भी इस महामारी से लड़ने के लिए जारी किया है. भारत को मिली इस मदद के बाद कोरोना से लड़ाई लड़ने में मजबूती मिलेगी.